इस समय पूरी दुनिया की नजरें यूक्रेन पर हैं। रूस उसके कस्बों पर बड़े पैमाने पर युद्ध कर रहा है। इसकी शुरुआत गुरुवार को हुई। रूस ने यूक्रेन को युद्ध में धकेल दिया। यूक्रेन की सरकार ने दुनिया के बड़े देशों से युद्ध को रोकने के लिए प्रयास करने की अपील की। इसके साथ ही यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने अपनी आर्म्ड फोर्सेज के लिए डोनेशन लेना शुरू कर दिया। यूक्रेनी सेना ने कहा कि कई संस्थाएं और लोग उसे डोनेशन देने के लिए अनुरोध कर रहे हैं। वो यूक्रेन के निवासी नहीं हैं और डोनेशन करना चाहते हैं। सरकार ने विदेशी करेंसी में डोनेशन लेने के लिए एक बैंक अकाउंट का भी सेटअप किया, जिसके बाद उसे डोनेशन मिलना शुरू हो गया है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने यूक्रेनी आर्म्ड फोर्सेज से क्रिप्टो डोनेशन स्वीकार करने के लिए कहा है।
कॉइनटेलिग्राफ के मुताबिक, यूक्रेन की सरकार की ओर से जो बैंक अकाउंट दिया गया है, वह विदेशी करेंसी में मदद स्वीकार करता है। इससे जुड़ी ऑफिसियल साइट में बताया गया है कि देश का राष्ट्रीय कानून यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय को अन्य पेमेंट सिस्टम जैसे- Webmoney, Bitcoin, PayPal आदि का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता है। इसका सीधा मतलब है कि क्रिप्टो डोनेशन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
इस समय, यूक्रेन स्थित गैर सरकारी संगठन ‘कम बैक अलाइव' बिटकॉइन डोनेशन को स्वीकार करता है। यह मदद यूक्रेनी सेना को जाती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2021 में इस प्रो-मिलिट्री ग्रुप को 5 लाख 70 हजार डॉलर के बिटकॉइन डोनेशन मिले थे, जबकि हमला शुरू होने के बाद एक दिन में इस प्रो-मिलिट्री ग्रुप को बिटकॉइन डोनेशन के तौर पर 4 लाख डॉलर से ज्यादा की मदद मिली है।
दूसरी ओर, क्रिप्टो सहायक दानकर्ताओं ने यूक्रेन देश कि सरकार से क्रिप्टो डोनेशन एक्सेप्ट करने के लिए कहा है। तर्क दिया कि इससे बाद विश्वभर से उसे डोनेशन मिलेगा। यद्यपि कुछ लोगों ने इसको लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त की है।
यूजर ‘MMusikwolf' ने लिखा कि क्रिप्टो डोनेशन ना करें। इसकी कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है। इसके मुकाबले फिएट मुद्रा में किसी भी सम्पत्ति की सबसे ज्यादा लिक्विडिटी होती है, जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जा सकता है।
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