अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के पिछले महीने अधिक होने से डॉलर में तेजी आई है और क्रिप्टो मार्केट को बड़ा झटका लगा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में पिछले एक दिन में 8 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही है।
बाइनैंस, कॉइनमार्किटकैप और कॉइनबेस जैसे ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 20,348 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर की कीमत में भी ब्लॉकचेन के अपग्रेड से पहले कमी हुई है। भारतीय एक्सचेंजों पर इसकी कीमत लगभग 1,751 डॉलर और ग्लोबल एक्सचेंजों पर लगभग 1,615 डॉलर पर थी। एथेरेयम के अपग्रेड को "Merge" कहा जा रहा है। ब्लॉकचेन में बड़े बदलाव के लिए सावधानी बरती जा रही है क्योंकि एथेरेयम पर 100 अरब डॉलर से ज्यादा के DeFi ऐप्स को सपोर्ट मिलता है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के निवेशकों को भी राहत मिल सकती है। एथेरेयम माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे बिजली की अधिक खपत होती है और कार्बन इमिशन बढ़ता है।
Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि अधिकतर बड़े ऑल्टकॉइन्स में अमेरिका के महंगाई से जुड़े डेटा का असर पड़ा है। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 6.18 प्रतिशत घटा है। पिछले एक दिन में सोलाना, कार्डानो, मोनेरो, चैनलिंक, अवालांचे, ट्रोन और BNB के प्राइसेज गिरे हैं। मीम कॉइन्स डॉगकॉइन और शीबा इनु में भी गिरावट हुई है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगाई अनुमान से अधिक होने के कारण अमेरिका का फेडरल रिजर्व 21 सितंबर को होने वाली मीटिंग में इंटरेस्ट रेट 0.75 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। इससे क्रिप्टो मार्केट पर भी असर पड़ने की आशंका है। बिटकॉइन ने पिछले साल नवंबर में 67,000 डॉलर से ज्यादा का हाई बनाया था। इसके बाद से स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से इसमें एक-तिहाई से अधिक की गिरावट आई है। इससे निवेशकों के साथ ही क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को भी भारी नुकसान हुआ है। कुछ देशों में मार्केट रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी है। चीन ने पिछले साल क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस के साथ ही बिटकॉइन की माइनिंग पर भी पाबंदी लगा दी थी।
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