बंगलूरू में एक चाय वाला इन दिनों सुर्खियों में है।जिसका नाम शुभम सैनी बताया गया है। इस चाय वाले ने क्रिप्टो अदायगी के बदले ‘चाय' बेचना शुरू किया है। दुनियाभर के देशों में क्रिप्टो पेमेंट का चलन तेज हुआ है, लेकिन भारत जैसे देश में इस स्तर पर यह शुरुआत एक नई कोशिश है। 20 साल के शुभम सैनी ने बेंगलूरू के मराठाहल्ली इलाके में अपनी अनूठी क्रिप्टो-फ्रेंडली चाय की दुकान के लिए सुर्खियां बटोरी हैं। ndtv से बातचीत में सैनी ने माना कि इस समय उन्हें अपनी क्रिप्टो कमाई पर कोई मुनाफा नहीं दिख रहा है।
क्रिप्टो को लेकर केंद्र सरकार के सख्त रवैये के बाद भारतीयों को सभी क्रिप्टो कमाई और मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। जुलाई महीने से सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस काटे जाने का नियम शुरू होने के बाद ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय एक्सचेंजों- वजीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स, बिटबीएनएस और जेबपे पर औसत दैनिक ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम उस समय लगभग 44 करोड़ रुपये तक गिर गया था। जबकि जून तक यह वॉल्यूम लगभग 80 करोड़ रुपये था।
ndtv से बातचीत में शुभम सैनी कहते हैं कि अगर मैं इस क्रिप्टो लेन-देन को भारतीय रुपये में बदल देता हूं, तो मुझे कोई फायदा नहीं दिख रहा है। लेकिन मैं भविष्य में विश्वास करता हूं और लंबे समय और ज्यादा मुनाफे के मकसद से इन क्रिप्टो असेट्स को अपने वॉलेट में रखता हूं।
रोचक बात यह है कि वह डॉलर में भी भुगतान स्वीकार करता है। उनकी चाय की दुकान की तस्वीरें ट्विटर पर चर्चा बटोर रही हैं। शुभम सैनी ने बताया कि उन्हें रोजाना 3 से 4 क्रिप्टो पेमेंट मिल रहे हैं। सैनी ने बताया कि ग्राहकों की जरूरत को देखते हुए कई एक्सचेंजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीसीए ड्रॉपआउट सैनी ने साल 2020 के आसपास क्रिप्टो व्यापार शुरू किया था। उनके निवेश पोर्टफोलियो में 1000 फीसदी की वृद्धि हुई थी और वह बढ़कर 30 लाख हो गया था। जबकि मार्केट क्रैश होने के बाद उनका पोर्टफोलियो भी क्रैश हो गया और एक लाख रुपये पर आ पंहुचा है। इसके बाद उन्होंने बंगलूरू में 'फ्रस्ट्रेटेड ड्रॉपआउट' नाम के ‘टी स्टॉल' को खोलने का फैसला किया। इस स्टॉल में भारत की रक्षा बल (डिफेंस फोर्सेज) के कर्मियों को फ्री चाय की पेशकश की जाती है। वैसे उनके स्टॉल में एक कप चाय की कीमत 20 रुपये है।
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