केंद्र सरकार की ओर से निरंतर यह बताया जा रहा है कि क्रिप्टो करंसीज को देश में लीगल दर्जा नहीं दिया गया है। इसी प्रकरण में वित्त राज्यमंत्री भगवत कराड ने कहा है कि क्रिप्टोकरंसी क्षेत्र में आगे चलकर क्या होगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। उनका कहना था कि देश में क्रिप्टोकरंसीज को लीगल दर्जा नहीं दिया गया है।
उनका कहना था कि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टोकरंसीज को किसी प्रकार की कोई भी मान्यता नहीं दी है और इस कारण से देश में अभी भी ये मान्य नहीं हैं। वित्त राज्यमंत्री भगवत कराड ने कहा कि क्रिप्टोकरंसीज को लीगल दर्जा दिया जाएगा या नहीं, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। क्रिप्टोकरंसीज को लेकर पिछले सप्ताह कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने भी प्रश्न पूछे थे। इसके उत्तर में कराड ने यह सूचना दी। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों ने क्रिप्टोकरंसीज में निवेश किया है। इस वजह से सेंट्रल बजट में क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर 30 % कर लगाया है।"
बजट में वर्चुअल करंसीज के लिए एक वर्ष में 10 हज़ार रुपये से अधिक की पेमेंट्स पर 1 % TDS और ऐसे उपहार को प्राप्त करने वाले पर कर लगाने का प्रस्ताव दिया गया था। TDS के लिए लिमिट विशेष कैटेगरी में आने वाले लोगों के लिए एक साल में 50 हज़ार रुपये तक की होगी। इनमें व्यक्ति/हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) शामिल हैं जिन्हें अपने खाते का ऑडिट आय कर अधिनियम के तहत कराना होगा। ऐसे एसेट्स में ट्रांजैक्शंस से मिलने वाले लाभ को कैलकुलेट करने पर किसी खर्च या भत्ते के डिडक्शन की सहमति नहीं होगी। यह भी साफ़ किया गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाली हानि को किसी अन्य आमदनी के बदले सेट ऑफ करने की सहमति नहीं दी जाएगी।
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